स्तनपात के अलावा अन्य दूध पिलाना क्यों हानिकारक हो सकता है
कृत्रिम दूध बनाने वाली कम्पनियाँ चाहती हैं की माएँ अपने शिशुओं को स्तनपान की जगह, उनके द्वारा बनाया गया इन्फेंट फार्मूला अर्थात कृत्रिम दूध पिलायें ताकि वे और पैसे कमा सकें| बॉटल से दूध पिलाना या कृत्रिम दूध पिलाना अक्सर असुरक्षित पाया गया है । बॉटल से दूध पिलाना या कृत्रिम दूध पिलाना अक्सर असुरक्षित पाया गया है । बोतल से पिलाये गए दूध या इंस्टेंट फार्मूला ने न सिर्फ लाखों शिशुओं को कुपोषित या बीमार किया है बल्कि कई बार मौत के घाट भी उतारा है |
फार्मूला या दूसरा दूध जैसे की डब्बे बंद दूध या जानवरों का दूध शिशुओं को रोगों से नहीं बचाता |
फार्मूला या दूसरा दूध बीमारी या मृत्यु पैदा कर सकता है | यदि बोतल, चुसनी या फार्मूला बनाने वाले पानी को देर तक उबाला नहीं गया तो शिशु हानिकारक रोगाडुं निगल सकता है एवं उसे दस्त हो सकता है |
जब शिशु स्तनपान करते हैं तो वे अपनी जीभ के ज़रिये स्तन से दूध को पीते हैं। जब शिशु बोतल से दूध चूसता है तो वह माँ के स्तन से दूध पीने की क्रिया से एकदम अलग होता है। बोतल से दूध पीने से शिशु अच्छे से स्तनपान करना भूल सकता है। और यदि शिशु माँ के स्तन से यथेष्ट मात्रा में दूध नहीं चूसता तो माँ के दूध की मात्रा में कमी आ सकती है और अंततः शिशु पूर्ण रूप से स्तनपान करना छोड़ सकता है।
बोतल से दूध पिलाना काफी मंहगा साबित हो सकता है। एक शिशु के लिए एक परिवार को कम से कम ४० किलो ग्राम फार्मूला दूध पाउडर शिशु के पहले साल में ही लग जाता है। एक दिन के फॉर्मूले का खर्च एवं पानी उबलने में लगने वाले ईंधन का खर्च, परिवार की हफ्ते भर या महीने भर की कमाई से ऊपर हो सकता है। कई बार लोग पैसे बचाने के लिए शिशु को काम फार्मूला पाउडर और ज़्यादा पानी वाला दूध पिलाते हैं, जिससे शिशु कुपोषित रह जाता है, धीरे बढ़ता है और बीमार जल्दी होता है।
ज़रूरी बात:- एच आई वी से ग्रसित महिला को स्वयं निर्णय लेना चाहिए की उसके शिशु के लिए दूध पिलाने का सबसे सुरक्षित माध्यम क्या होना चाइये। यदि आप को एच आई वी / एड्स है तो कृपया स्वास्थ्यकर्मी से विमर्श करें।