यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप अपने ससुराल के टकराव के बारे में अपने पति का समर्थन हासिल करें, ताकि आपकी परेशानियां खत्म हो सकें । आपके सास-ससुर उसके माता-पिता हैं, वे शायद उसे बहुत ज्यादा प्यार करते होंगे, और इसलिए, आपकी सुनने के बजाय उसकी इच्छा के अनुसार ज्यादा आसानी से चलेंगे ।
इसलिए उसका समर्थन और सहानुभूति पाना, यह हमेशा एक अच्छी शुरुआत होती है अपने ससुराल के की समस्याओं को हल करने के लिए, और निम्नलिखित उपाय आपको ऐसा करने में मदद कर सकते हैं:
जब अपने पति से मदद की मांग करें, अपने को शांत रखें, चिल्लायें या रोयें नहीं । अपनी परेशानी को बारे में बताएं और सुनिश्चित करें कि वह आपकी परेशानीयों को समझे। अगर पहली बार में वह इसे नहीं समझ पाता है, तो फिर से कोशिश करें और उसको समझाने तक कोशिश करते रहें। यह महत्वपूर्ण है कि आप उसे अपने समर्थन जरूरत के समझा सकें ।
कोशिश करें कि आप उस पर हमला नहीं करें, उसका तिरस्कार नहीं करें या उसका अपमान नहीं करें । उसका बूरा कहने से वह खुद का बचाव करना (जो एक मानव प्रतिक्रिया है) शुरू कर देगा और इसके बाद अापके स्पष्टीकरण को सुनने के लिए तैयार नहीं हो सकता है। अच्छे बने रहें, गुस्सा नहीं करें। उसे अपनी समस्या से जोड़ कर ना देखें, बल्कि अपनी समस्या के समाधान के जैसे देखने की कोशिश करें। अापका पति होने से, वह आपका स्वाभाविक सहयोगी है, आपका दुश्मन नहीं है इसलिये उस पर दबाव नहीं डालें, यह सुनिश्चित करें कि वह समझता है कि आपको उसकी मदद की जरूरत है।
कई जोड़ों के लिए अक्सर एक मुद्दा होता है कि पत्नी अपने पति के माता पिता का घर छोड़ कर एक छोटी गृहस्थी की स्थापना करना चाहती है। हालांकि यह पूरी तरह से जायज लगता है लेकिन फिर भी कई पुरुष इससे सहमत होने में संकोच करते हैं। अगर यह आपकी समस्या है तो, अपने पति की उसके माता-पिता के प्रति वफादारी को समझने और उसका सम्मान करने की कोशिश करें और उनपर सवाल नहीं उठायें। इसके बजाय, यह समझाने की कोशिश करें कि वास्तव में वह कौन सी परेशानी है जो अापको वर्तमान स्थिति में विचलित कर रही है और फिर साथ बैठकर औसा कोई हल निकालें जिससे आप संतुष्ट हों और साथ साथ उसे भी अपने माता-पिता के प्रति वफादारी निभाने में कठिनाइ ना हो । उम्मीद है कि, दूसरे घर जाने के बजाय इसी घर में अपने रहने की व्यवस्था में कुछ समायोजन करना संभव हो पायेगा। यदि ऐसा नहीं होता है तो, तो उसे मजबूती और प्यार के शाथ याद दिलाइये कि आपका पति होने से उसकी आपके प्रति भी कुछ वफादारी बनती है।
ऐसा कभी नहीं सोचिये कि अपनी चिंताओं और समस्याओं के बारे में अपने पति से बात करके आप एक और टकराव पैदा कर देंगी। किसी भी शादीशुदा जोड़े के लिए सबसे ज्यादा खराब बात तब होती है जब वे एक दूसरे से बात करना बंद कर देते हैं। जब ऐसा होतो है तो स्थिति निस्संदेह खराब हो जाती है इसलिये एक दूसरे से बातें करते रहना किसी भी रिश्ते के लिये जरूरी है। अपनी भावनाओं हर समय खुद के ही अंदर रखना चिंता और तनाव को बढ़ा सकता हैं।
ऐसा कभी नहीं सोचें कि आपका पति आपको या आपकी समस्याओं को समझ नहीं पायेगा, और उसके साथ चर्चा करना व्यर्थ है। अगर शुरूआत में वह समझ नहीं पा रहा है तो आपको उसे समझाने के लिए ज्यादा कड़ी मेहनत करनी चाहिए। पुरुष और महिलायें कई मायनों में अलग होते हैं। उनकी सोच, समझ और काम करने का तरीका अलग अलग होता है। वे अलग अलग जीवन जीते हैं और कई बातों परअक्सर अलग अलग विचार होते हैं। इसलिये धैर्य मत खोयें, अगर आपके पति को आपको समझने में या आपकी समस्याओं को समझाने में थोड़ा ज्यादा समय लगता है।
आपके जीवन मे जो अच्छा हो रहा है उसपर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करें और सोचें कि आप इसे और भी बेहतर कैसे बना सकते हैं । आप हमेशा सकारात्मक परिवर्तन कर सकते हैं। आप असहाय नहीं हैं।
Sources
Burns, A. A., Niemann, S., Lovich, R., Maxwell, J., & Shapiro, K. (2014). Where women have no doctor: A health guide for women. Hesperian Foundation.