हिंसा के चक्र के बारे म मोला का जानना चाही?
पहिली पइत म हिंसा हर एकठन घटना लगथे। लेकिन बाद म एखर अइसन चक्र बने बर लगथे: हिंसा काला कहिथें: मारना, झाफड़ मारना, लात मारना, गला घोंटना, मारे बर कोनो सामान या हथियार के परयोग, यौन सोसन, धमकी अउ दुरबेवहार।
हिंसा के बाद थोड़किन सांति रहिथे: एखर बाद पुरूस हर घटना उपर खेद जता सकत हे या फेर वादा कर सकत हे दुबारा अइसन नइ होवए।
फेरधीर लगाके तनाव हर दुबारा बढ़े बर लगथे: घुंस्सा, बाताबाती, एक-दूसर उपर दोस देना, मौखिक दुरबेवहार।
एखर बाद फेर हिंसा होए बर लगथे.... जइसे-जइसे मारपीट हर बढ़थे, घर के सुख-सांति खतम होए बर लगथे। एखर बाद महिला हर भाउनात्मक रूप ले टूट जथे अउ पुरूस हर ओखर उपर पूरा नियंतरन हासिल कर लेथे। फेर ओ नइ वादा करे के आगु चलके परिस्थिति हर ठीक हो जाही। कईझन माईलोगन मन चाहथें के कोनो भी लड़ई-झगरा ल हर जल्दी खतम हो जाए अउ घर म सांति हो जाए।