सुरुआती लकछन के पता लगाना अउ तुरते इलाज सुरु करवाना काबर जरुरी हे?

From Audiopedia
Jump to: navigation, search

कोढ़ के बीमारी के सुरुआती लकछन परभावित इलाका के चमड़ी के पिंवरा या फेर लाल हो जाना हे, ए मेर के इलाका सुन्न घलोक हो सकत हे। अगर आपमन एखर सुरुआती लकछन के पता लगा लेहु, तो ए बीमारी के इलाज करे जा सकत हे, अउ तहां ले धीर-धीर ये हर ठीक हो सकत हे।


अगर एखर इलाज नइ कराए जाही त, आगु चल के बीमारी अउ बढ़ जाही अउ दाग-धब्बा के आकार हर बढ़ जाही। संगे-संग चमड़ी के तरी के नस हर मोटहा हो जाही अउ फेर तंत्रिका छति के कारन ओ मेर के इलाका सुन्न हो सकत हे। मतलब के परभावित इलाका म चोट लगही तभो कोनो पीरा नइ होही। एक कारन परभावित मनखे हर परभावित इलाका ल कटे-जले, घाव अउ कांटा ले नइ बचा पाए। अइसन म परभावित मनखे अइसन चोट ल नजरअंदाज कर देथे, जेखर ले आगु चलके जादा बड़े समसिया पइदा हो जाथे।


उदाहरन बर, अगर कोनो सामान्य मनखे हर अब्बड़ दूरिहा तक चलही अउ ओला कोनो चोट लग जाही, त ओला पीरा होही। अइसन म ओ हर या तो चले बर बंद कर देही या फेर खोरा-खोरा के चलही। लेकिन अगर कोढ़ ले परभावित मनखे ल घाव हो जाथे, त ओला कोनो पीरा नइ होवए, ओ हर तब तक चलत रही जब तक ओखर घाव फट नइ जाही या फेर ओ मेर सूजन नइ आ जाही। पीरा के बिना, घाव हर गहिरा जाथे अउ फेर हड्डी तक पहुंच जाथे। आगु चलके, हड्डी टूट सकत हे अउ गोड़ म विकृति हो सकत हे।


एखर अलावा, बीमारी के बाद के चरन म, मुंह, कान, कोहनी या फेर घुटना म गांठ हो सकत हे। कइझन के भंव घलोक खराब हो जाथे अउ दूसर अंग म ए बीमारी फइल सकत हे। एखर ले आगु चलके परभावित मनखे ल दिखाइ देना घलोक बंद हो सकत हे।


अगर आपमन ए बीमारी के सुरुआती लकछन ल पता लगा लेहु त तुरते इलाज-पानी सुरु कर सकत हव। अउ आगु होए वाले परसानी, जइसे परभावित अंग के सुन्न पड़ जान, हाथ-गोड़ के अंगरी ले हिलाए-डुलाए म परसानी होना जइसन समसिया ले बच सकत हव।


एखर अलावा, इलाज सुरु होए के कइ दिन बाद, ए बीमारी दूसर मनखे तक नइ फइलए। अगर आपमन सुरुआती लकछन के पता लगा लेथव अउ तुरते इलाज सुरु कर देथव त आपमन ल दूसर मन तक संकरमन फइले के संसो करे के जरुवत नइ हे।

अइसन म आपमन ले या फेर कोढ़ ले परभावित कोनो भी मनखे ले दूरिहा रहे के कोनो कारन नइ रही जाए।

Sources
  • Audiopedia ID: hne_54_4