ससुरार वालन संग कोन किसम के झगरा होथे?

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कई देस म, महिला ल बिहाव के बाद अपन परिवार ल छोड़ के अपन घरवाला के परिवार संग रेहे ल पड़थे। कईझन माईलोगन बर अइसन अलगाव अब्बड़ पीरादाइ बन जथे, काबर के ओला अपन दाई-ददा अउ भाई-बहिनी ल छोड़े बर पड़थे। कई पइत ओ हर अपन घरवाला के परिवार म अलग-बिलग अउ बिन सहारा के महसूस करथे।

बिकाससील देसन के रीति-रिवाज के मुताबिक, संयुक्त परिवार हर एके घर म रहिथे। एखर मतलब ए होइस के नवा-नवा बिहाव होवइया जुगलजोड़ी ल अपन-अपन दाई-ददा अउ डोकरा बबा-डोकरी दाई के पारंपरिक मोल अउ रीति-रिवाज के मुताबिक रहे बर पड़थे।


अइसन परिस्थिति म, ससुरार वाले मन जवान महिला के जिनगी ल कठिन तको बना सकत हें अउ ओखर अउ ओखर घरवाला के बीच रिस्ता म आड़े आ सकत हें। एखर कईठन उदाहरन, नीचे कोति बताए गे हे:

  • जरूवत पड़े म जवान महिला ल उंखर सहायता करे बर पड़ही अउ उंखर जतन करे बर पड़ही।


  • ससुरार वाला म बिहाव ल अस्वीकार कर सकत हें अउ एखर कारन बहु संग बने-बने बेवहार नइ करे जाए।


  • अगर नवा बहु हर बेटा नइ जनम देवए या पइसा कौड़ी नइ कमा के देवए, त ससुरार वाले मन ओखर उपर अब्बड़ दबाव डालथें।
  • अगर नवा बहु के ससुरार अब्बड़ छोटकन हे त ओला रेहे बर जादा जघा नइ मिल पावए। एखर अलावा ओखर ससुरार वाले मन ओखर खान-पान अउ दूसर जरूवत ल घलोक सीमित कर सकत हें। कई पइत ओमन अपन बहु उपर जादा खरचा घलोक नइ करना चाहें।


  • ससुरार वाले मन अपन बहु संग अइसन करके गलत बेवहार या फेर दुरबेवहार घलोक कर सकत हें:

ओला गाली देके या ओखर अपमान करके या कोनो किसम के ताना देके ओखर संग मारपीट करके ओला खाए बर नइ देके अउ लाँगहन टांग के ओला बाहिर जाए बर अउ काखरो संग मिले म रोक लगा के ओला अपन मइके जाए म रोक लगा के ओखर मइके ले अवइया कोनो मनखे ले बात नइ करन देके ओला अपन लईका संग नइ मिलन देके

Sources
  • Audiopedia ID: hne_29_14