समाज म कोन परकार के बलात्कार अउ यौन उत्पीड़न होथे?
यौन उत्पीड़न कई परकार के होथे। जादातर मन एमन ल बलात्कार मानथें। कभु-कभु कोनो महिला ल ओखर मर्जी के खिलाफ यौन संबंध बनाए बर मजबूर करे जथे। बिहाव के बाद घलोकअइसन हो सकत हे। कईझन बिहाती माईलोगन ल केहे जथे, के यौन संबंध बनाना उंखर करतब हे, भले एमा ओखर मर्जी हो के झनहोक। भले समाज हर अइसन जबरन यौन संबंध के खिलाफ सजा नइ देवए, लेकिन यहु हर गलत होथे।
कई पइत माईलोगन जिंदा रेहे बर यौन संबंध बनाए रखथें। जइसे अपन लईकामन के खातिर, रेहे-बसे बर जगा के खातिर, पइसा के खातिर या फेर नउकरी के खातिर। कारन कुछु हो, अगर कोनो महिला हर यौन संबंध नइ बनाना चाहे, त ओखर संग जबरदस्ती संबंध नइ बनाना चाही।
कोनो भी रिस्ता म कोनो महिला यौन संबंध बनाना हे के नइ बनाना हे, एला चुन सकत हे। अगर कोनो महिला हर इनकार करत हे, त पुरूस ल एला मानना चाही। भलकुन कोनो चिन-पहिचान के पुरूस के पास ओला मानए के बिकल्प होथे, लेकिन अगर कोनो महिला हर ‘नइ’ कहि सकत हे, अउ चुप हे, तभो एला बलात्कार माने जही।
चिन-पहिचान के पुरूस के मामला म अकसर कोनो महिला ल कोनो दूसर संग मदद मांगे म परसानी होथे। ओखर आगु म ओ हर दुबारा आए ले घलोकअसुरछित महसूस करथे।
हिंसा या फेर हिंसा के बिनाकोनो महिला ल यौन संबंध बनाए बर मजबूर करे जथे, त ओला कई परकार के स्वास्थ्य अउ भाउनात्मक समसिया हो सकत हे।