रोजदिन के जिनगी म तनाव मोर मानसिक स्वास्थ्य ल कइसे नकसान पहुंचा सकथे?

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रोज के गतिविधि अउ घटना, अकसर कोनो महिला के उपर दबाव डालथे, जेखर ले ओखर सरीर अउ दिमाग म तनाव पइदा होथे। कोनो सारीरिक समसिया के कारन कोनो बीमारी या अब्बड़ कामकाज हो सकते हे, अउ फेर एखरे सेती तनाव पइदा होथे। एखर पीछे कोनो भाउना ले जुड़े घटना तको हो सकत हे। जइसे परिवार म लड़इ-झगरा या फेर कोनो अइसन समसिया बर महिला ल दोसी ठहिराना, जेखर उप्पर ओखर कोनो नियंतरन नइ हे। कभु-कभु त जिनगी म खुसी लाए वाले घटना तको मानसिक तनाव पइदा कर सकत हे। जइसे घर म लइका होना या फेर नवा नउकरी पाना। काबर के ओमन महिला के जिनगी म बदलाव लाथे अउ फेर ये ह तनावपूरन हो सकत हे।

जादातर माईलोगन उप्पर चारो मुड़ा ले कइ परकार के तनाव पड़थे, एखर उदाहरन हे:

  • लइकामन के जतन करई ले
  • पति के सबो जरुवत ल पूरा करई ले
  • पानी अउ इरधन के बेवसथा करई ले
  • साफ-सफई ले
  • मरीजमन के जतन करई ले
  • घर म पइसा कउड़ी के कमी ले
  • खेतीखार के कामबूता ले
  • थोरकुन जेवन खवई ले

वइसे हमर रोजदिन के जिनगी म तनाव सबरदिन रहिथे, एखरे सेती ए डहार हमर धियान कभु-कभु नइ जाए। लेकिन कइ बखत महिला ल अइसन तनाव ले निपटे बर अब्बड़ अकन ताकत घलो लगथे।


जब कोनो महिला हा रोजेच अउ अब्बड़ जान ले जादा तनाव ल सहिथे, त ओहा अकबका जाथे अउ ओखर सहन करई म मातखथे। समसिया अउ जादा तब बढ़ जाथे, जब ओला दूसर के खियाल पहिली करे ल सिखाए जाथे, फेर अपन बारे म। अइसन म वो ह अपन तनाव ल कम करे बर, सुस्ताए ल नइ सके या फेर कोनो दूसर जिनिस के मजा नइ ले पाए। अउ वो ह अपन बीमारी या जादा काम के लकछन ल अनदेखा करत रहिथे। अइसन म एकझन महिला के रुप म, ओहा अपन हालत ल बदले बर जादा कुछु नइ कर पाए।


अकसर महिला ल ए बताए जाथे कि ओहा कमजोर या फेर बीमार हे। लेकिन वास्तविक समसिया कुछु अउ हो सकत हे, जेन ह ओखर बर बने नइ रहए। बने-बने मानसिक स्वास्थ्य बर माईलोगन ल अपन जिनगी म जादा नियंतरन होना चाही।

Sources
  • Audiopedia ID: hne_14_2