मोला कोढ़ के बीमारी कइसे हो सकत हे?
कोढ़ के बीमारी, भगवान के सराप या फेर कोनो टोना-टोटका के कारन नइ होवए। एहु बात सच नइ हे के लोगन कोढ़ ले एखर सेती परभावित होथें के ओ मन ह अतीत म कोनो पाप करे हें या फेर ओ मन कोनो खराब मनखे हें।
आपमन ल कोढ़ के बीमारी तभे हो सकत हे, जब ए बीमारी ले परभावित मनखे, जेन अपन इलाज नइ करवात हे, के आप संपर्क म आहु।
ए बीमारी ले परभावित कोनो मनखे अपन इलाज सुरु कर देथे, त थोड़क दिन बाद ए बीमारी फइले ले रुक जाथे। एखर सेती कोढ़ ले परभावित मनखे संग अलग तरीका के व्यवहार नइ करना चाही। इलाज के बाद, अइसन मनखे संग खाना खाए म या गरा लगाए म कोनो समसिया नइ होवए। इलाज करवात मरीज के जतन करे म भी कोनो समसिया नइ होवए।
कोढ़ के बीमारी काबर होथे, एखर बारे म अभी जादा पता नइ चले हे। कहे जाथे के ए बीमारी हर छिंके या फेर खांसे ले फइलते। अइसन मरीज जेखर इलाज नइ चलत हे, ओखर बार-बार संपर्क म आए ले ए बीमारी फइल सकत हे, लेकिन एके-दू पइत छूए ले ए बीमारी नइ फइलए।
कइ पइत, लोगन कोढ़ बीमारी के कीटानु के संपर्क म आ जाथें, लेकिन हर मनखे भीतर रोग प्रतिरोधक क्षमता होथे, जेखर कारन उनला कुछ नइ होवए। कभु-कभु एखर कीटानु सरीर भीतर तको परवेस कर जाथे लेकिन आगु चलके ओ हर अपने-अपन ठीक घलोक हो जाथे।
जब कोनो मनखे हर पहली पइत कोढ़ के बीमारी के कीटानु के संपर्क म आथे त, ए बीमारी के लकछन दिखे म कइ महीना या फेर कइ बरस लग जाथे।
दुनिया के कइठन हिस्सा अइसन हे जिहां कोढ़ के बीमारी होना आम बात हे। ए बीमारी हर अइसन इलाका म जादा होथे जिहां के लोगन अब्बड़ भीड़भाड़ म रहिथें, अउ जिहां बने असन हवा-पानी नइ चलए या फेर जिहां के पानी साफ नइ रहे अउ जिहां गंदगी फइले रहिथे। संगे-संग जेन मन ल बने असन जेवन-पानी नइ मिलए, तेनो मन ल ए बीमारी होए के जादा संभावना होथे। वइसे, ए बीमारी कोनो ल भी धर सकत हे। लेकिन ए हर एक पीढ़ी ले दूसरा पीढ़ी तक नइ फइलए। कहे के मतलब ए हे के कोढ़ ले पीड़ित महतारी के लइका ल कोढ़ नइ होवए। हालांकि, जेन लइका, कोढ़ की बीमारी ले ग्रसित अउ इलाज नइ करात कोनो मनखे के तीर म रहिथे, तेला कोढ़ के बीमारी होए के संभावना होथे।