मैं सरीर के कमजोरी संग कइसे निपटवं?
अगर कोढ़ के बीमारी के कारन आपमन ले कोनो परकार दुरबलता होए हे त अपन सरीर अउ मानसिक स्वास्थ्य के विसेस धियान रखना अब्बड़ जरुरी होथे।
अपन कमजोरी या दुरबलता ल छुपाहु झन। एखर बजाए कोनो स्वास्थ्य कारकरता ले बात करना चाही अउ ओखर संग सहायता मांगना चाही। आपमन अपन सरीर के परभावित हिस्सा ल हिलाए-डुलाए के बारे म, ओखर बने असन जतन करे के बारे म प्रसिक्षन ले सकत हव। एखर बर फिजियोथेरेपी करने वाला कारकरता, डाक्टर या अपरेशन करने वाला डाक्टर आपमन के मदद कर सकत हे।
ए बात ल धियान रखव के कोढ़ के बीमारी के पाछु भगवान के सराप, या कोनो बुरा आत्मा या टोना-टोटका नइ होवए।
एहु बात सच नइ हे के आपमन के कोढ़ के बीमारी एखर सेती होए हे कि आपमन अतीत कोनो पाप करे होहु या फेर आपमन कोनो खराब मनखे होहु।
अइसन म आपमन के तिरिस्कार करे के, समाज या परिवार ले अलग-विलग करे के, धारमिक-समाजिक तिहार ले बाहिर करने के कोनो कारन नइ होवए। एखर कारन तलाक देना भी बने बात नो हए। ए बीमारी के कारन आपमन के समाजिक जिनगी म बाधा नइ आना चाही। आपमन अपन इस्कूल जाना या फेर कोनो काम म जाना जारी रख सकत हव। अगर आपमन अपन दुरबलता या विकलांगता के कारन काम नइ कर सकत हव, त किरपा करके कोनो स्वास्थ्य कारकरता या सामुदायिक विकास अधिकारी संग सहायता मांगव। हो सकत हे आपमन कुछु दूसर काम कर सकत हव अउ मानसिक खुसहाली के संग अपन जिनगी ल जी सकत हव।
हो सकत हे, ए बीमारी के कारन आपमन ल बहुत अकन समसिया के सामना करना पड़त होहि अउ भेदभाव, समाजिक तिरिस्कार के सामना घलोक करना पड़त होहि। एखर ले आपमन के भीतर अउसाद, भारी संसो या आत्मघाती विचार पइदा हो सकत हे। लेकिन ए सबो ले घबराए के जरुवत नइ हे। आपमन पागल नइ हो हव। अइसन हालात म कइझन मरीज म अइसने महसूस करथें। धियान रखव के आपमन ल सहायता मिल सकत हे।
कोनो स्वयं सहायता समूह अइसन हो सकत हे, जिहां आपमन अपन भावना के बारे म गोठिया सकत हव अउ अपन जइसे हालात वाले मनखे संग सहायता हासिल कर सकत हव। इहां आपमन अपन अधिकार अउ ओखर उपयोग के बारे म जान सकत हव। इहां आपमन अपन बारे म फइसला ले बर सीख सकत हव अउ अपन जिनगी म नियंत्रन रख सकत हव। वइसे, व्यक्तिगत सहायता के विकल्प घलोक होथे। किरपा करे कोनो स्वास्थ्य कारकरता संग बात करव अउ मनोवैज्ञानिक सहायता मांग सकत हव।