मैं सक्कर बीमारी ल कइसे नियंतरित कर सकत हवं?

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अगर तुमन ल टाइप 2 के सक्कर बीमारी हे त अपन खून म सरकरा के जांच बर कोनो डाक्टर कराजाना चाही, अउ ए देखना चाही के तुमन ल कोन दवई के जरूवत हे।

तुमन थोड़कन सावधानी रखहु त अपन सक्कर बीमारी ल नियंत्रित कर सकत हव, एखर बर येलाकरव:

  • थोड़-थोड़ जेवन ल बार-बार खावव

एखऱ ले खून म सरकार के मातरा बराबर बने रहिथे।

  • अब्बड़ अकन मीठा खाए ले बचना चाही।
  • अगर तुंहर बजन जादा हे त ओला कम करे परयास करना चाही।
  • जादा बसा वाले खाद्य पदारथ मन (उदाहरन बर, मक्खन, घी, चरबी अउ तेल) ले बांचव।
  • तुंहर इलाका म कईठन अइसन पेड़-पौधा हो सकत हे जेन सक्कर बीमारी ल रोके बर सहायता करथे।

कोनो डाक्टर ले अपन जांच करावव।

बीमारी जादा बाढ़त तो नइ हे, ए जाने बर तुमन ल नियमित रूप ले कोनो डाक्टर ले जांच करवात रहिना चाही।

चमड़ी के संकरमन अउ चोंट ले बांचे बर, अपन चमड़ी ल हमेसा साफ रखना चाही अउ गोड़ म घाव होए ले बांचे बर हमेसा जूता पहिनना चाही। खाना के बाद दांत ल साफ करना चाही।

दिन म एक पइत अपन गोड़ अउ हाथ ल देखना चाही, के कोनो मेर घाव तनइ हे।

अगर तुंहर कोनो मेर घाव हे अउ संकरमन के लकछन (लाल-लाल दिखना, फूलना या गरम लगना) हे त कोनो डाक्टर ले मिलव।

जिहां तक संभव हे, अपन गोड़ ल उपर डहर उठाके आराम करव।

अगर तुंहर गोड़ के रंग गहिरा हो गेहे या फेर ओ हासुन्न पड़त हे, त अइसन करना अब्बड़ जरूरी हो जथे।

अइसन लकछनले पता चलथे के तुंहर गोड़ म खून के बहाव खराप हे।

Sources
  • Audiopedia ID: hne_04_21