मैं सक्कर बीमारी ल कइसे नियंतरित कर सकत हवं?
अगर तुमन ल टाइप 2 के सक्कर बीमारी हे त अपन खून म सरकरा के जांच बर कोनो डाक्टर कराजाना चाही, अउ ए देखना चाही के तुमन ल कोन दवई के जरूवत हे।
तुमन थोड़कन सावधानी रखहु त अपन सक्कर बीमारी ल नियंत्रित कर सकत हव, एखर बर येलाकरव:
एखऱ ले खून म सरकार के मातरा बराबर बने रहिथे।
कोनो डाक्टर ले अपन जांच करावव।
बीमारी जादा बाढ़त तो नइ हे, ए जाने बर तुमन ल नियमित रूप ले कोनो डाक्टर ले जांच करवात रहिना चाही।
चमड़ी के संकरमन अउ चोंट ले बांचे बर, अपन चमड़ी ल हमेसा साफ रखना चाही अउ गोड़ म घाव होए ले बांचे बर हमेसा जूता पहिनना चाही। खाना के बाद दांत ल साफ करना चाही।
दिन म एक पइत अपन गोड़ अउ हाथ ल देखना चाही, के कोनो मेर घाव तनइ हे।
अगर तुंहर कोनो मेर घाव हे अउ संकरमन के लकछन (लाल-लाल दिखना, फूलना या गरम लगना) हे त कोनो डाक्टर ले मिलव।
जिहां तक संभव हे, अपन गोड़ ल उपर डहर उठाके आराम करव।
अगर तुंहर गोड़ के रंग गहिरा हो गेहे या फेर ओ हासुन्न पड़त हे, त अइसन करना अब्बड़ जरूरी हो जथे।
अइसन लकछनले पता चलथे के तुंहर गोड़ म खून के बहाव खराप हे।