मैं कोढ़ रोग से पीड़ित कोनो मनखे के कइसे सहायता कर सकत हवं?

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सबले पहिली, ये अब्बड़ जरुरी हे के आपमन कोढ़ के बीमारी, एखर संचरन अउ इलाज के बार म बने असन समझव।


आपमन ल गलत मान्यता ल खतम करना चाही अउ सही जानकारी के पालन करना चाही। अइसन करे ले आपमन ए बीमारी ल लेके फइले डर ल कम कर सकत हव अउ फेर मरीज ल पूरा इलाज मिल सकही, ओ हर अपन सरीर के बने असन जतन कर सकही अउ आगु चलके होए वाले नुकसान ले बच सकही।

अइसन करे ले परभावित मनखे ल समाजिक तिरिस्कार के सामना नइ करे बर पड़ही। आपमन ल चाही कि आप परिवार या समाज के कोनो पीड़ित मनखे संग वइसने आचरन करव जइसे आपमन दूसर मनखे संग करथव। साथे-साथ परभावित मनखे ल अइसन महसूस करावव के ओहू हर दूसर मनखे असन योग्य इंसान हे।


अगर आपमन के जातसमाज म कोढ़ के बीमारी ले ग्रसित मनखे के बारे म गलत धारना, समाजिक तिरिस्कार फइले हे, त किरपा करके कोनो स्वास्थ्य कारकरता संग एखर बारे गोठियावव। ए बीमारी के बारे म, एखर संचरन के बारे म अउ एखर इलाज के बारे म जानकारी दे बर समाज म बइठक करवाव। हर कोनो मनखे ल परभावित मरीज के मानसिक हालात ल समझे के जरुवत हे, ताकि ओ हर अपन सरीर के जतन कर सके।


अगर आपमन ल परभावित मनखे के मानसिक स्वास्थ्य ल लेके कोनो परकार के संदेह हे, त आपमन ओखर सहायता करे के परयास करव। ओखर भावना, विचार या अनुभव के बारे म ओखर गोठियावव। आपमन, ओला बता सकत हव के मनौवैज्ञानिक सहायता हासिल करे के कइठन रद्दा हे, जइसे कोनो स्वयं-सहायता समूह म सामिल होना। इहां परभावित मनखे ह अपन भावना के बारे म, अपन जइसन दूसर मरीज संग बातचीत कर सकत हे अउ सहायता पा सकत हे। ओ हर इहां अपन अधिकार के बारे म जानकारी पा सकत हे। ओ हर अपन बारे म फइसला ले बर अउ अपन जिनगी उपर नियंतरन रखे बर घलोक सीख सकत हे। वइसे, व्यक्तिगत सहायता के विकल्प घलोक मउजूद हे। एखर बारे म कोनो डाक्टर संग बात करव अउ उपलब्ध विकल्प के बारे म पूछव।


अगर आपमन ल अइसन संदेह के परभावित मनखे कोनो गंभीर समसिया ले गुजरत हे, जइसे आत्मघाती विचार, त किरपा करके तुरते डाक्टर संग बात करव। वो हर आपमन ले कोनो विसेसग डाक्टर भेजही।


अगर परभावित मनखे सहमत हे, त आपमन सरीर के जतन, इलाज अउ पुनरवास के मामला म ओखर बने मदद कर सकत हव। ‘सरीर के जतन कइसे करे जाए अउ एला आगु जादा नुकसान ले कइसे बचाए जाए’ वाले माडयूल म एखर बारे म विस्तार ले बताए गे हे। ए सबो तरीका ले परभावित मनखे तीर अपन स्वास्थ्य म सुधार करे के जादा मउका होहि। कइझन मरीज बर स्व-सहायता समूह म सामिल होना बने विकल्प साबित होथे। इहां ओ हर अपन सरीर के जतन के बारे म दूसर मनखे मन संग मिलके प्रसिक्षन ले सकत हे। इहां मरीजमन एक-दूसर ल प्रोत्साहित कर सकत हें अउ नियमित अउ परभावी जतन के बारे म एक-दूसर ल सलाह दे सकत हें। संगे-संग परभावित मनखे ल मानसिक अउ आरथिक मामला म भी सहयोग मिल सकत हे। किरपा करके कोनो स्वास्थ्य कारकरता संग बात करव अउ सहायता पाए के दूसर विकल्प के बारे म जानकारी हासिल करव।


कभु-कभु, मरीज के परिवार के सदस के रुप म आपमन ल भी समाजिक तिरिस्कार के सामना करे बर पड़ सकत हे। अगर आपमन कोढ़ ले संकरमित कोनो मनखे के जतन करत हव, त ए हर आपमन बर भी तनावपूर्ण हो सकत हे। अगर आपमन ल सहायता के जरुवत हे त कोनो स्वास्थ्य कारकरता संग बात करव अउ पारिवारिक मनोवैज्ञानिक सहायता मांगव। संकरमित मनखे के परिवार बर भी कोनो परकार के स्व-सहायता समूह हो सकत हे, जिहां आपमन अपन भावना के बारे म बात कर सकत हव अउ दूसर मनखे मन संग सहायता हासिल कर सकत हव। इहां आपमन अपन अधिकार, मरीज के अधिकार अउ उंखऱ उपयोग के बारे म जानकारी हासिल कर सकत हव। वइसे व्यक्तिगत सहायता जइसन दूसर विकल्प घलोक हो सकत हे। किरपा करके कोनो डाक्टर संग मिलव अउ उपलब्ध विकल्प के बारे म पूछव।


Sources
  • Audiopedia ID: hne_54_12