माईलोगन ल चोंट पहुंचाए के पाछु पुरूसमन के का-का सोंच होथे?

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अइसन पुरूसमन अइसन गलत सोंच रखथें: कोनो पुरूस हर, अपन पत्नी संग जेन चाहथे तउनकर सकत हे।

सच्चई: कोनो भी पुरूस ल अपन पत्नी ल मारे-पीटे के अधिकार नइ होवए। कोनो महिला के कोनो भी काम हर कोनो पुरूस ल ओला मारे के हकनइ देवए, भले पुरूस हर सोंचत होही के ओ महिला हर मार खाए के लायक हे।


काबर के पुरूस हर दारू पीये रहिथे...\" सच्चई: दारू लेमारपीट नइ होवए, लेकिन ए हर मारपीट ल बदतर बना देथे। जिहां के लोगन दारू नइ पीयें, उहां तको मारपीट होथे।


अगर ओ हर अपन पत्नी ल जादामया नइ करतिस त वो हर ओला नइ मारतिस।

सच्चई: मारपीट हर मया के निसानी नइ होवे। मया के मतलबसम्मान अउ दया दिखाना होथे।


ये हर उंखर बीच के मामला हे। कोनो भी जुगलजोड़ी के निजी मामला म दखल नइ देना चाही।

सच्चई: हिंसा, कोनो पारिवारिक मामला नइ होवए। कईझन माईलोगन एखर ले घायल तको हो जथें या फेर उंखर मउत तको हो जथे। हिंसा, एकठन समाजिक अउ समुदायिक स्वास्थ्य समसिया हे।


सिरिफगरीब अउ अगियानी पुरूस मन हर अपन पत्नीमन ल मारथें-पिटथें। सच्चई: सिरिफ गरीबी या अगियानता के कारन मारपीट नइ होवए। कोनो भी घर म मारपीट हो सकत हे। चाहे ओमन गरीब हों के अमीर, पढ़े-लिखे हों के अनपढ़, सहरी हों के गांव के।


अगर महिला हर अपन पति संग रहिथे त लईकामन बर बने होथे। काबर के एखर बावजूद ओ पुरूस हर एकझन बनेबाप हो सकत हे। सच्चई: जब कोनो महिला हर, हिंसक पुरूस संग रहिथे, त ए बात हर परिवार बर बने नइ होवए। असल म अइसन बाप हर अपन लईकामन ल अपन भाउना लेगलत ढंगले निपटे के तरीका सीखावत हे। संग म ओ हर अपन लईकामन ल माईलोगन संग गलत बेवहार करे के तरीका घलोक सीखावत हे। अगर ओ हर अपन लईकामन के महतारी ल अउ लईकामन ल मारथे, त ए हर बने बात नइ होवए।

Sources
  • Audiopedia ID: hne_20_2