बुरुली घाव के बिसेस सुरुवाती लकछन का-का होथे?

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कई झन ल बुरुली घाव या अल्सर के पहिली चमड़ी म छोटकू, बिना पीरा के घांठा दिखथे। या फेर चमड़ी के तरी डहर ह कड़ा अउ फूले-फूले असन लगथे। अइसन म एहा बुरुली घाव हो सकत हे। अल्सर ह चमड़ी या फेर अंदर के उतक के अइसन परभावित हिस्सा म होथे जेनहा घाव असन दिखथे अउ जादातर एहा धिर लगाके ठीक होथे। जादातर ये बीमारी हाथ, गोड़, बाँही या फेर मूहू म होथे। लेकिन सरीर के कोनो अउ हिस्सा म घलो ए बीमारी हो सकत हे। जादातर एकातेठन घाव होथे, फेर बाद म दु-तीन जघा घलो ए घाव बन सकत हे। साथे-साथ, ए बीमारी म तुमन ल कोनो परकार के पीरा नइ होए अउ बुखार तको नइ आए। अगर तुमन तुरतेच ले एखर इलाजपानी सुरु नइ करहु त घांठा या फेर फूले वाले जघा म बड़का अल्सर बन सकत हे अउ वो मेर दाग-धब्बा घलोक हो सकत हे। संग म ए सरीर म बिकृती पइदा कर सकत हे अउ तुमन ल परभावित अंग ल हिलाए-डुलाए म परसानी हो सकत हे। जेन परसानी हो सकत हे, ओला एमा बताए गे हे, \"ए काबर जरूरी हे के मेहा सुरु के लकछन के पता लगावं अउ झटकन इलाजपानी करवावं?\"

Sources
  • Audiopedia ID: hne_53_3