बुरुली अल्सर या फेर घाव कइसे ठीक हो सकत हे?
दवई देके एला बने करे जा सकत हे। अइसन दवइ ल एंटीबायोटिक कहिथे। एहा बुरुली घाव के कीटानु ल मार देथे अउ एखर ले ए बीमारी ठीक हो जाथे। अइसन एंटीबायोटिक ल फोकट म हासिल किए जा सकत हे। अगर तुमन पेट ले हव या फेर लइका ल दुध पियावत हव, त दवइ लेके पहिली स्वास्थ्य कारकरता ल जरुर बताना चाही, ताकि तुंहर लइका ल कोनो परकार के नकसान झन होवए। वइसे तुमन बुरुली घाव के पूरा इलाज करवा सकत हव, काबर के एखर दवइ महतारी अउ लइका, दुनो पर सुरछित होथे।
धियान रखव, सुरुवाते म इलाज सुरु करवाना अब्बड़ जरुरी हे। तुरते इलाज सुरु करे ले, सूजन अउ गांठ अउ बड़े नइ होवए, अउ तुंहर चमड़ी के तरी मेरा नइ पहुंचए। अइसन नइ करहु ता तुंहर हड्डी तको परभावित हो सकत हे अउ एहा बिकलांगता के कारन बन सकत हे। अगर तुमन तुरते इलाज सुरु कर देहव त जादातर परभावित जघा ह धिर लगाके ठीक होए ल लगथे, अउ बड़े गांठ छोटे होए ल लगथे, जेला बाद म अपरेशन ले बने करे जा सकत हे। दवइपानी के अलावा तुमन अपरेशन करा सकत हव अउ इलाज के दूसर तरीका घलो सीख सकत हव, जेमा तुंहर घाव ल ठीक करे के तरीका अउ घाव के जतन करे के तरीका के जानकारी पा सकत हव। ए सबो सीखना अब्बड़ जरुरी होथे, काबर के घाव ल ठीक होए म कइ महीना लग जाथे अउ घाव ल दूसर परकार के कीटानु अउ बीमारी ले घलोक बचाए ल पड़थे।
कोनो डाक्टर तुमन ला अपन सरीर के जतन करे के तरीका के बारे म बने ले बता सकत हे।
ए सब्बो तरीका ले तुमन कइठन स्थाइ नकसान ले बच सकत हव। साथे-साथ समाजिक अउ मानसिक तकलीफ ल घलोक रोक सकत हव।