दिव्यांग मनखे मन बर का-का बाधा हे?

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जइसे के पिछला अध्याय म बताए गे हे के बाधा के कारन दिव्यांग मनखे ल दूसर मनखे के तुलना म सिछा, नउकरी, स्वास्थ्य अउ सामाजिक काम-बुता म भाग ले के जादा अउसर नइ मिल पाए। अइसन म अलग-अलग स्तर म कईठन बाधा के सामना करे ल पड़थे:


सबले पहिली आथे बेवहार संबंधी बाधा। एखर मतलब ये हे कि परभावित मनखे के बारे म जातसमाज के लोगन के सोच होथे कि दिव्यांग मनखे ह कम योग्य होथे, अउ अपन परिवार अउ समाज बर जादा योगदान नइ दे सकए, अउ ओला काखरो सहारा के जरुवत होथे। कोनो मनखे, जादा बाधा के अनुभव तब करथे, जब दूसर लोगन अकसर ओखर संग खराब अउ नकारात्मक बेवहार करथें। कई पइत त ओला अस्वीकार करे वाले अउ चोंट पहुंचाए वाले बेवहार घलोक करथें, ओला जातसमाज के काम-बुता ले तको बाहिर रखे जथे। कईठन परिवार अइसन होथे जेन मन दिव्यांग लइका के पालन-पोसन घलोक नइ करएं, काबर ओमन मानथे के ओहा बाद म कुछु कमाही-धमाही नहीं। एला बेवहार संबंधी बाधा कहिथें।


दूसर परकार के बाधा सुविधा संबंधी बाधा होथे। उदाहरन बर, कोनो इस्कूल म अगर दिव्यांग लइका ह अपन व्हीलचेयर म बइठ के पहुंच सके ता ओला परसानी होथे। अइसने कोनो इस्कूल म देखे वाले संकेत नइ लगे रहे त, बहिरा मनखे ल परसानी होथे। ए सबो के कारन दिव्यांग लइका कक्षा अउ इस्कूल मिले वाले सिछा तक पहुंच नइ मिल पाए।


तीसर परकार के बाधा संस्थागत बाधा होथे। ये जिनगी के अलग-अलग हिस्सा म कई परकार के बाधा पइदा करथे। जइसे रोजगार, सिछा, स्वास्थ्य या सामाजिक सेवा तक पहुंच के बाधा, या फेर अपन धरम ल माने के बाधा। अइसन बाधा म कानूनी, सामाजिक अउ सांस्कृतिक रीति-रिवाज के बाधा घलोक सामिल हो सकत हे। उदाहरन बर, कोनो परिवार के करा अतना पइसा नइ हे के ओमन अपन दिव्यांग सदस बर स्रवन यंत्र ले सके अउ अगर अइसन कोनो बेवस्था (सामाजिक कल्यान के माध्यम ले) नइ हे जिहां ओला मदद मिल सके, त ओला जिनगी भर तकलीफ म रेहे ल पड़ही। एला संस्थागत बाधा कहिथें।

Sources
  • Audiopedia ID: hne_55_3