जब कोनो महिला संग मारपीट होथे, त अकसर लोगन पूछथें के ओ हर काबर ओ आदमी संग रहिथे। एखर पाछु कई परकार के कारन हो सकत हे। जइसे:
डर अउ धमकी: पुरूस धमकी दे सकत हे के \"अगर तैं हर कोनो मेर जाए के कोसिस करबे त मैं तोला मार डालहुं, लईकामन ल मार डालहुं, तोर महतारी ल मार डालहुं।\" इंखर रछा बर ओ महिला हर सबो मारपीट ल सहत रहिथे।
पइसा के कमी अउ कोनो दूसर ठिकाना के कमी: हो सकत हे पुरूस हर सबो पइसा ल धर ले होही अउ महिला ल ओखर परिवार के कोनो सदस या फेर संगी-संगवारी तिर मिलत-जुलत नइ देवन देत होही।
सुरछा के कमी: महिला संग मारपीट के दउरान, काखरो मदद या फेर मारे बर रोकइया के कमी।
लाज-सरम: ओला लग सकत हे मारपीट के पाछु ओखरे गलती रिहिस या ओ हर एखरे हकदार हे।
धार्मिक या सांस्कृतिक मान्यता: ओला लग सकत हे रिस्ता ल बचाए रखना ओखर करतब हे, अउ कोनो भी कीमत म ओला एला बचाए रखना पड़ही।
बदलाव के आस: ओला लग सकत हे के ओ हर अपन आदमी ल मया करथे अउ रिस्ता ल बनाए रखना चाहथे। ओ हर सोंच सकत हे के कुछु-न-कुछु तरीका ले मारपीट रूक जाही।
महतारी हर लईकामन ल बिन-बाप के नइ छोड़नदेना चाहे।
लेकिन अइसन मारपीट के मामला म हमला पूछना चाही के, “आदमी हर घर ल छोड़ के काबर नइ जाए?” लेकिन अगर हमन अइसन कहिबो के महिला काबर नइ जाए, त एखर मतलब होथे के हमन महिला ल दोसी मानथन, अउ हिंसा ल ओखर निजी समसिया समझथन।
कोनो समाज ल अपन समाज के हर मनखे के स्वास्थ्य अउ कल्यान के परति जिम्मेवार रहिना चाही।
मारपीट करइया पुरूस हर असल म महिला के अधिकार के उल्लंघन करथे अउ ओ हर अपराधी होथे। अइसन करम ले रोके जाना चाही।