मैं हर बेटी ल गरभ म राखे या जनम दे ले होवइया झगरा ले कइसे निपट सकत हंव?

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अगर तुंहर घरवाला या ओखर परिवार तुंहर उपर कन्या भ्रून के गर्भपात कराए के दबाव डालत हे, त तुमन नीचे बताए गे बिधि ले अपन अउ अपन बेटी के सुरछा कर सकत हव:

1. अपन घरवाला अउ ओखर परिवार ल बतावव के माईलोगन के बिना कोनो टूरा लईका पइदा नइ हो सकय अउ नोनीमन समाज बर बरदान होथे अउ ए दुनिया ल आगु चलाना हे त नोनीमन के जनम जरूरी हे।


2. अपन घरवाला ल समझावव के नोनीमन समाज के स्तंभ होथें। लड़की हा एक अच्छा बेटी, अच्छा बहिनी, अच्छा घरवाली अउ अच्छा महतारी बन सकत हे। अगर आने वाला समय तक ले गर्भपात के रीत हर जारी रही त, दुनिया बिन महतारी के हो जाही अउ दुनिया म जीवन खतम तको हो सकत हे। बेटीमन के बिना, हमर कोनो भविस नइ हे।

3. अपन घरवाला ल बतावव के, लड़कामन के तुलना म लड़कीमन जादा आज्ञाकारी होथें। लड़कामन के तुलना म लड़कीमन अपन परिवार, समाज, देस अउ नउकरी के प्रति जादा जिम्मेवार अउ सरमपित रहिथें। संगे-संग ओमन अपन दाइ-ददा के घलो जादा जतन करथें।

4. अगर एखर बाद म घलोक तुंहर घरवाला अउ ओखर परिवार, बात नइ मानत हे अउ तुमन ल ‘सिरिफ लड़की पइदा करे’ बर दोसी ठहरावत हे, त ओमन ल वैज्ञानिक तथ्य बताए के कोसिस करव। एखर बर कोनो भी डाक्टर या स्वास्थ्य कारकरता संग उंखर बात करवावव।


  • शिशु के लिंग हर गर्भाधान के बेरा तय होथे। नोनी होही के बाबू, ए बात हर पुरूस के सुकरानु के उपर निरभर करथे। हम सबो ल अपन अनुवांसिक गुन अपन दाई-ददा ले मिलथे, इही कारन ले कोनो लईका हर अपन दाई-ददा असन दिखथे।
  • गर्भधारन के पहिली, कोनो महिला के अनिसेचित अंडा म सिरिफ एकठन अनुवांसिक जिनिस होथे, जेला एक्स-क्रोमोसोम कहे जथे। जबकि पुरूस सुकरानु म अनुवांसिक जिनिस के रूप म, या तो एक्स-क्रोमोसोम या वाई-क्रोमोसोम होथे।


  • अगर, एक्स गुनसूत्र वाला सुकरानु, अंडा ल निसेचित करथे त नोनी होही, अगर वाई गुनसूत्र वाला सुकरानु अंडा ल निसेचित करथे त, बाबू होथे।


  • एखरे सेती, लईका के लिंग निर्धारित करे के जिम्मेवार ददा के सुकरानु होथे, महतारी के अंडानु के एमा कोनो भूमिका नइ होवए। एखर सेती कोनो भी महिला अपन लईका के लिंग निरधारित करे बर कभु जिम्मेवार नइ होवए। मतलब, ए हरे के तुंहर घरवाला हा तुंहर लईका के लिंग बर जिम्मेवार होथे तुमन नइ।


जरूरी बात: हो सके त, अपन गर्भ म नोनी हरे के बाबू, ए जाने बर अल्ट्रासाउंड स्केन या कोनो दूसर तरीका ले मना कर देवव। अगर तुंहर घरवाला या ओखर परिवार तुमन ल अइसन करे बर मजबूर करथे, त दूसर संग सहायता मांगव। हो सकत हे तुंहर गांव-सहर म कोनो स्व-सहायता समूह होही। अगर नइ हे, त तुमन कोनो भरोसामंद मनखे (जइसे कोनो स्वास्थ्य कारकरता, समाज के नेता या परिवार के कोनो सियान) संग एखर बारे म गोठबात करव.

Sources
  • Audiopedia ID: hne_29_10