बेटीमन के इलाज अउ सिछा ल लेके होवइया झगरा ले मैं कइसे निपट सकत हंव?

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अपन बेटीमन के बढ़िया सिछा बर अपन घरवाला ल समझाए बर तुमन नीचे डहर बताए गे तरीका के उपयोग कर सकत हव:

सबो लईकामन संग एके ढंग ले बेवहार अउ उंखर सराहना करई हा, दाई-ददा के सकारात्मक सोंच उपर निरभर करथे चाहे नोनी रहे के बाबू। जेन हर पूरा समाज ल बदल सकत हे अउ बदलना घलो चाही। नोनी लईका ल, बाबू लईका असन बरोबर सबो जघा म पहुँच अउ मउका दे जाना चाही, काबर के नोनीमन घलोक बाबूमन जतना मूल्यवान हावयं।


नोनीमन, कोनो भी क्षेत्र म बाबूमन ले कमती सछम नइ होवएं। कई पइत त, इस्कूल-कालेज म नोनीमन, बाबूमन के तुलना म जादा अच्छा परदसन करथें। अगर कोनो परमान के जरूवत हे त, अभीनकुन के परीछा परिनाम ल देख लेवव।


लोगन हा चाहथें के उंखर बहूमन अब्बड़ पढ़े-लिखे रहें, लेकिन अपन बेटी ल पढ़ाए बर ओमन कतराथें। ये हर सही बात नइ हे।


एकठन परसिध कहावत हे, “अगर तुमन अपन बेटी ल सिकछित करहु, त तुमन दु परिवार ल सिकछित करहु।” कोनो बेटा ल सिकछित करके तुमन सिरिफ एके झन मनखे ल सिकछित करथव, जबकि कोनो बेटी ल सिकछित करके तुमन ओखर संगे-संग भविस के पूरा परिवार ल सिकछित करहु।


सिछा अउ रोजगार के गहिरा संबंध हे। खराप सिछा ले कम तनखा वाले नउकरी मिलथे। एखरे सेती, अपन बेटी ल सिकछित करके दाई-ददा हा ओखर आरथिक स्थिति ल सुधार सकत हे अउ ओला अपन पइर म खड़े कर सकत हें।

Sources
  • Audiopedia ID: hne_29_11